जनसँख्या विस्फोट का अर्थ ,कारण ,और रोकने के उपाय

जनसँख्या विस्फोट का अर्थ

जब किसी देश की जनसंख्या दर इतनी तेज़ी से बढ़ जाती है कि देश मे उपलब्ध संसाधन आवश्यकताओं की पूर्ति नही कर पाते तब इस स्थिति को ‘जनसँख्या विस्फोट’ कहा जाता है। जनसंख्या की तीव्र गति से वृद्धि हमारे आर्थिक विकास के सारे प्रयासो को विफल कर देती है। 

जनसंख्या विस्फोट का अर्थ है किसी विशेष प्रजाति में व्यक्तियों की संख्या में अचानक वृद्धि। इस शब्द का प्रयोग दुनिया की मानव आबादी को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। भारत में जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है क्योंकि जनसंख्या में वृद्धि से गरीबी और निरक्षरता बढ़ती है। इस स्थिति में, देश की अर्थव्यवस्था के साथ जनसंख्या की तीव्र वृद्धि का सामना करना मुश्किल है। जनसँख्या विस्फोट उस स्थिति को कहा जाता है जब उस जगह के संसाधन जनसख्या की आवश्यकताओ को पूरा करने मे असमर्थ रहते हैं | जनसँख्या वृद्धि अचानक से नहीं होती है इसके पीछे कई कारण होते है | जनसँख्या वृद्धि के कारण इस प्रकार हैं –

जनसँख्या वृद्धि के कारण

(1) कम उम्र में विवाह –

जनसंख्या वृद्धि का पहला कारण कम उम्र में विवाह होना है | कम उम्र में विवाह होने की वजह से बच्चे जल्दी तथा ज़्यादा होते है जो जनसंख्या के अधिक होने का कारण बनता है |

(2) परिवार नियोजन की शिक्षा का अभाव

भारत की अधिकाश आबादी अशिक्षित है, अत: वे परिवार नियोजन के महत्तव को नहीं समझ पाते हैं, परिणामस्वरुप बच्चों की अधिकता हो जाती है |

(3) जन्म दर में वृद्धि

भारत में मृत्यु दर की अपेक्षा जन्म दर अधिक है | जिस स्थान पर जन्मदिन दर ज़्याद होगी वहाँ की आबादी बढ़ती जाती है |

(4)गरीबी

गरीबी के कारण लोगों में साक्षरता नहीं होती है और वे बिना परिवार नियोजन के संतान उत्पन्न करते रहते हैं जो जनसंख्या के बढ़ने का कारण बनती है |

(5)पुत्र की इच्छा

जनसंख्या विस्फोट में जनसंख्या के बढ़ने का एक और कारण यह है की भारत में पुत्रो को अधिक महत्तव दिया जाता है | पुत्रो की चाहत में परिवार में बच्चों की संख्या बढ़ती रहती है |

(6) पुत्रियो की अवहेलना

पुत्रो की इच्छा रखने वाले लोग पुत्रियो के महत्त्व को नहीं समझते हैं और पुत्र की इच्छा में जनसंख्या बढ़ाते रहते हैं |

(7)अन्धविश्वास का होना


बच्चे का जन्म और मृत्य ईश्वर की देन है। यदि किसी परिवार मे अत्यधिक बच्चें है तो उसे बुरा नही मानते बल्कि उनका विश्वास है कि ये तो ईश्वर की देन है, इसलिए पिछ़ड़ी जातियों व अशिक्षित परिवारों मे आज भी बच्चों की संख्या कही अधिक होती है।

जनसँख्या विस्फोट के दुष्परिणाम

(1)जनसँख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप समाज मे बेरोज़गारी ,गरीबी निम्न जीवन स्तर इत्यादि समस्याओं का जन्म होता है | लोग अपनी आर्थिक ,पारिवारिक आवश्यकताओ की पूर्ति करने मे असमर्थ रहते हैं | इस प्रकार जनसँख्या विस्फोट के कारण लोगो को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है |

(2) जनसख्या विस्फोट के कारण लोग अपनी दैनिक आवश्यकताओ की पूर्ति नहीं कर पाते हैं ,अत: वे शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं |

(3) जनसख्या के अधिक होने की वजह से बेरोज़गारी की समस्या का सामना भी लोगो को करना पड़ता हैं | लोगो की संख्या अधिक और रोज़गार की संख्या कम होने से लोगो मे बेरोज़गारी देखने को मिलती है ,जो गरीबी का कारण बनती है |

(4)जनसँख्या का अधिक होना लोगो के आर्थिक विकास मे बाधा उत्पन्न करता है | रोज़गार न मिलने की वजह से लोगो गलत कामो मे पड़ जाते हैं तथा समाज मे अपराधो की संख्या अधिक हो जाती है |

(5) जनसँख्या विस्फोट का एक और दुष्परिणाम पर्यावरण प्रदूषण का बढ़ना है | जनसँख्या के बढ़ने से शहरो का विकास होता है ,नए नए कारखाने खुल रहे हैं ,इन् कारखानों की आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए पर्यावरण मे मौजूद पेड़ -पोधो की अंधाधुंध कटाई की जाती है ,जिससे वातावरण प्रभावित होता है और वातावरण मे गैसीय संतुलन बिगड़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषित जाता है |

(6) पर्यावरण प्रदूषित होने की वजह से लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं | श्वास सम्बन्धी बीमारी ,मछरो के अधिक होने से मलेरिया जैसी बीमारी आदि |

(7) जनसँख्या अधिक होने पर कई तरह के अपराधो का जन्म होता है | चोरी ,डकेती ,लूटपाट ,हत्या ,बलात्कार ,आदि जनसँख्या विस्फोट के ही दुष्परिणाम हैं |

(8) जनसँख्या अधिक होने का एक और दुष्परिणाम है घरेलू हिंसा | परिवार मे व्यक्तियों के अधिक होने और गरीबी होने की वजह से घरेलु हिंसा का जन्म होता है |

जनसँख्या विस्फोट को रोकने के उपाय

(1) जनसँख्या विस्फोट की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए शिक्षा का प्रसार होना ज़रूरी है ,अत: सभी को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए |

(2) जनसँख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन के कार्येक्रमो का प्रचार -प्रसार बहुत ज़रूरी है |

(3) विवाह की आयु सीमा को बढ़ा कर भी जनसँख्या वृद्धि की समस्या को रोका जा सकता है |

(4) देश मे कृषि व्यवस्था मे सुधार कर जीवन स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयास किया जाना चाहिए |

(5) देश के नागरिको की कार्येकुशलता एवं आर्थिक उत्पादन की क्षमता को बनाए रखने के लिए साफ़ सफाई व स्वास्थय सेवाओ का ध्यान रखा जाना चाहिए |

(6) हमारे देश में आज भी महिलाओं की शिक्षा का स्तर पुरूषों की अपेक्षा काफी कम है। महिलाओं के शिक्षित न होने के कारण व जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को नही समझ पाती। वे अपने खान पान पर भी ध्यान नहीं दे पाती तथा जनसंख्या नियंत्रण में अपना योगदान नहीं दे पाती।यदि महिलाएं शिक्षित होंगी तो वे अपने बच्चों के खानपान, पोषण तथास्वास्थ्य पर भी ध्यान देंगी तथा जनसंख्या पर भी नियंत्रण होगा और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।

(7) यौनसंबंधी जानकारी न होने के कारण लोग असमय तथा अधिक बच्चे पैदा करते है। यौनसंबंधी जानकारी से जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सहायता मिल सकती है।

(8) कई स्वयं-सेवी संगठन भी लोगो के बीच जाकर उनसे बातचीत कर जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं की जानकारी देते हैं। उन्हें नुक्कड नाटको, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा तरह-तरह की प्रतियोगिताएं कराकर जनसंख्या वृद्धि के कारणों तथा समस्याओं की जानकारी देकर उन्हे जागरूक बनाते है।

(9) सरकार समाचार पत्रो, पत्रिकाओं, रेडियों, टेलीविजन पर परिवार नियोजन तथा जनसंख्या शिक्षण संबंधी कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है। इस प्रकार जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याओं तथा उन्हें रोकने के उपयों का प्रचार प्रसार भी करती है।

उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त अन्य उपायों से जन्मदर में कमी करना, विवाह की अनिवार्यता को ढीला बनाना, स्त्री शिक्षा, स्त्रियों के आर्थिक स्वावलम्बन पर जोर देना, गर्भपात एवं बन्ध्याकरण की विश्वसनीय सुविधाओं का विस्तार करना, अधिक सन्तान उत्पन्न करने वाले दम्पत्ति को सरकारी सुविधाओं से वंचित करना एक या दो बच्चे पैदा करने वाले दम्पत्ति को विभिन्न शासकीय लाभ दिया जाना चाहिए।इन सब उवृद्धि पायों को अपनाकर जनसँख्या वृद्धि को रोका जा सकता है तथा जनसँख्या विस्फोट की समस्या से बचा जा सकता है |

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