मानव विकास का अर्थ : Human Development Meaning in hindi

मानव विकास (Human Development) एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति के जन्म से लेकर उसके मृत्यु तक चलती रहती है | मानव विकास के अंतर्गत मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को शामिल मिया जाता है जैसे शिक्षा, स्वास्थय, आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, नैतिक विकास, राजनीतिक सशक्तिकरण, आदि |

मानव विकास का उद्देश्य समाज में सुख शांति स्थापित करना, व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना, समाज में व्यक्ति की स्थिति का निर्धारण करना तथा समाज में सुधार करना होता है |

मानव विकास की परिभाषा : (Definition of Human Development )

मानव विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंदर व्यक्ति के अंदर की कमियों को दूर करके उसका बहुमुखी विकास किया जाता है |मानव विकास के अंतर्गत उसे इस काबिल बनाया जाता है कि वह समाज में रहने, अपनी स्थिति निर्धारित करने,और समाज में समानता बनाएंगे रखे |

मानव विकास एक बहुमुखी प्रक्रिया है जिसमे मानव को शिक्षा, स्वास्थय, समाज, आर्थिक पहलुओं और समानता का ज्ञान कराया जाता है |

मानव विकास एक लम्बी किन्तु ज़रूरी प्रक्रिया है | इस प्रक्रिया में मानव प्रतिदिन कुछ न कुछ नया सीखता है जिससे वह अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बना सकता है | इसके साथ साथ वह समाज के विकास में भी योगदान दे सकता है |

मानव विकास की विशेषताएं :(Features of Human Development )

1.मानव विकास की सबसे पहली विशेषता यह है कि यह एक जीवन प्रयंत चलने वाली प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रहती है | व्यक्ति प्रतिदिन कुछ न कुछ नया सीखता है |

2. मानव विकास एक क्रम में नहीं होता है अथवा विकास के कई चरण होते हैं | अत: एक चरण के बाद दूसरे चरण का विकास होता है |

3.मानव विकास की एक विशेषता यह भी है कि विकास पर्यावरण से प्रभावित होता है अर्थात व्यक्ति जिस तरह के पर्यावरण में रहता है उसका विकास उसी के अनुरूप होता है |

4. मानव विकास कभी भी एक क्रम में नहीं होता है | यह एक निरंतर प्रक्रिया अवश्य है लेकिन यह विभिन्न कारको से प्रभावित होता है इसलिए यह कभी एक क्रम में नहीं होता है | कारको से प्रभावित होकर इसका क्रम बदलता रहता है |

5.मानव विकास में पारिवारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कारक महत्तवपूर्ण भूमिका निभाते हैं | यह सभी विकास को प्रभावित करते हैं |

6.विकास की कोई गति निर्धारित नहीं होती है | कभी कभी मानव विकास तीव्र गति से होता है तो कभी कभी मानव विकास अत्यंत ही धीमी गति से होता है |

7. विकास व्यक्ति की खुद को समझने की एक प्रक्रिया है जिससे वह जीवन जीने के तरीको को सीखता है और जीवन के हर पहलू को जानता है, समझता है तथा उसी के आधार पर एक अच्छा इंसान बनता है |

8.मानव के विकास में समाज की महत्तवपूर्ण इकाई ‘परिवार ‘ बहुत अहम् भूमिका निभाती है | व्यक्ति जीवन का पहला पाठ परिवार में ही सीखता है |

मानव विकास

मानव विकास का महत्तव : ( Importance of Human Development)

मानव के विकास के महत्त्व को हम इस प्रकार समझ सकते हैं | 

प्रत्येक मानव के लिए विकास अति आवश्यक है | व्यक्ति को खुद को समझने के लिए उसका विकास होना बहुत ज़रूरी है | विकास की प्रक्रिया उसके जन्म से ही प्रारम्भ हो जाती है |

विकास के दौरान व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक सभी पहलुओं का विकास होता है | उसको समाज में किस तरह रहना है किन नियमो का पालन करना है तथा किन बातों को खुद से दूर रखना है ये सभी बातें मानव विकास के अंतर्गत ही सीखी जाती है |

 यह हमें यह समझने में मदद करता है कि समय के साथ लोग कैसे बढ़ते और बदलते हैं | विकास के विभिन्न चरणों को समझकर, हम किसी व्यक्ति के जीवन में होने वाले शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

यह हमारे पालन-पोषण और शिक्षण प्रथाओं को सूचित करता है | बच्चों की विकासात्मक आवश्यकताओं और विशेषताओं को समझने से माता-पिता और शिक्षकों को स्वस्थ विकास का समर्थन करने वाले वातावरण बनाने में मदद मिलती है | 

 विभिन्न आयु समूहों की विकासात्मक आवश्यकताओं को समझने से शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और मानव के विकास को प्रभावित करने वाले अन्य क्षेत्रों से संबंधित नीतिगत निर्णयों और प्रथाओं को सूचित किया जा सकता है।

विकास के विभिन्न चरणों को समझने से हमें उन कारकों को समझने में मदद मिल सकती है जो मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान करते हैं, और जीवन के विभिन्न चरणों में लोगों की सहायता कैसे करें।

यह सामाजिक और सांस्कृतिक मतभेदों की हमारी समझ को विकसित करने में मदद करता है | मानव अनुभव की विविधता को बेहतर ढंग से समझने और उसकी सराहना करने में मानव विकास मदद कर सकता है।

मानव विकास के घटक(Components of Human Development )

मानव का विकास चार तरीको से होता है |

1. शारीरिक विकास :

मानव विकास का पहला घटक शारीरिक विकास है | शारीरिक विकास में मानव शरीर के अंगों का विकास सम्मिलित किया जाता है जैसे – श्वसन, हृदय, तथा तंत्रिका तंत्र का विकास होना सम्मिलित होता है |

2. सामाजिक विकास :

सामाजिक विकास के अंतर्गत समाज में रहने के तौर तरीके, व्यक्ति को समाज में रहकर कैसा व्यवहार करना चाहिए आदि आता है | यही उसका सामाजिक विकास कहलाता है |

3. बौद्धिक विकास :

बौद्धिक विकास के अंदर व्यक्ति के मस्तिष्क तथा बुद्धि का विकास होता है | यह विकास सामान्यत: किशोरावस्था से प्रारम्भ होता है |

4. नैतिक विकास :

नैतिक विकास के अंदर व्यक्ति को अच्छे बुरे का ज्ञान और समझ विकसित होती है | उसे सही-गलत और अच्छे बुरे की पहचान होती है | मानव का नैतिक विकास भी किशोरावस्था से ही शुरू होता है |

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